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मीर नक़ी अली ख़ान साक़िब शायरी | शाही शायरी

मीर नक़ी अली ख़ान साक़िब शेर

1 शेर

याद-ए-जानाँ उतर के आई है
शब के ज़ीने से चाँदनी की तरह

मीर नक़ी अली ख़ान साक़िब