EN اردو
मीना कुमारी शायरी | शाही शायरी

मीना कुमारी शेर

6 शेर

आबला-पा कोई इस दश्त में आया होगा
वर्ना आँधी में दिया किस ने जलाया होगा

मीना कुमारी




आग़ाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता
जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता

मीना कुमारी




अयादत को आए शिफ़ा हो गई
मिरी रूह तन से जुदा हो गई

मीना कुमारी




हँसी थमी है इन आँखों में यूँ नमी की तरह
चमक उठे हैं अंधेरे भी रौशनी की तरह

मीना कुमारी




कहीं कहीं कोई तारा कहीं कहीं जुगनू
जो मेरी रात थी वो आप का सवेरा है

मीना कुमारी




तेरे क़दमों की आहट को ये दिल है ढूँडता हर दम
हर इक आवाज़ पर इक थरथराहट होती जाती है

मीना कुमारी