जीना मुश्किल तो बहुत है तिरी इस दुनिया में 
लेकिन इस ख़्वाब को मरना भी नहीं चाहिए है
मक़सूद वफ़ा
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                मुझ को तख़रीब भी नहीं आई 
तोड़ता कुछ हूँ टूटता कुछ है
मक़सूद वफ़ा
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