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महमूदा ग़ाज़िया शायरी | शाही शायरी

महमूदा ग़ाज़िया शेर

1 शेर

तुम अपने रंग नहाओ तुम अपनी मौज उड़ो
मगर हमारी वफ़ा भी निगाह में रखना

महमूदा ग़ाज़िया