भटका फिरे है मजनूँ लैला के क़ाफ़िले में
ये पूछता कि यारो महमिल किधर गया है
लाल कांजी मिल सबा
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
नहीं मा'लूम ऐ यारो 'सबा' के दिल में क्या आया
अभी जो बैठे बैठे वो यकायक आह कर उट्ठा
लाल कांजी मिल सबा
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
'सबा' हम ने तो हरगिज़ कुछ न देखा जज़्ब-ए-उल्फ़त में
ग़लत ये बात कहते हैं कि दिल को राह है दिल से
लाल कांजी मिल सबा
टैग:
| 2 लाइन शायरी |