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लाल चन्द फ़लक शायरी | शाही शायरी

लाल चन्द फ़लक शेर

2 शेर

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी

लाल चन्द फ़लक




तन-मन मिटाए जाओ तुम नाम-ए-क़ौमीयत पर
राह-ए-वतन पर अपनी जानें लड़ाए जाओ

लाल चन्द फ़लक