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कृष्ण मुरारी शायरी | शाही शायरी

कृष्ण मुरारी शेर

1 शेर

इस गुलशन-ए-हस्ती का हर रंग निराला है
जब रोने लगी शबनम फूलों को हँसी आई

कृष्ण मुरारी