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ख़ुर्रम ख़िराम सिद्दीक़ी शायरी | शाही शायरी

ख़ुर्रम ख़िराम सिद्दीक़ी शेर

1 शेर

आमद का तिरी जब कोई इम्कान नहीं है
कब तक दिल-ए-बे-ताब यूँही थाम रखें हम

ख़ुर्रम ख़िराम सिद्दीक़ी