ये मेरे जज़्ब-ए-निहाँ का है मोजज़ा शायद
कि दिल में झाँक के देखूँ तो तू ही तू निकले
ख़ावर लुधियानवी
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ये मेरे जज़्ब-ए-निहाँ का है मोजज़ा शायद
कि दिल में झाँक के देखूँ तो तू ही तू निकले
ख़ावर लुधियानवी