वो जो एक बात थी गुफ़्तनी वही एक बात शुनीदनी
जिसे मैं ने तुम से कहा नहीं जिसे तुम ने मुझ से सुना नहीं
ख़ालिद अलीग
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वो जो एक बात थी गुफ़्तनी वही एक बात शुनीदनी
जिसे मैं ने तुम से कहा नहीं जिसे तुम ने मुझ से सुना नहीं
ख़ालिद अलीग