लपका है ये इक उम्र का जाएगा न हरगिज़
इस गुल से तबीअत न भरेगी न भरी है
जलील क़िदवई
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लपका है ये इक उम्र का जाएगा न हरगिज़
इस गुल से तबीअत न भरेगी न भरी है
जलील क़िदवई