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जलील क़िदवई शायरी | शाही शायरी

जलील क़िदवई शेर

1 शेर

लपका है ये इक उम्र का जाएगा न हरगिज़
इस गुल से तबीअत न भरेगी न भरी है

जलील क़िदवई