जी जलाएगा ये आवारा ओ बे-दर होना
दिल दुखाएँगे ये महके हुए घर अब के बरस
इरशाद अरशी
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जी जलाएगा ये आवारा ओ बे-दर होना
दिल दुखाएँगे ये महके हुए घर अब के बरस
इरशाद अरशी