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इंतिख़ाब सय्यद शायरी | शाही शायरी

इंतिख़ाब सय्यद शेर

2 शेर

अपने बदन को छोड़ के पछताओगे मियाँ
बाहर हवा है तेज़ बिखर जाओगे मियाँ

इंतिख़ाब सय्यद




लोग न जाने कैसी कैसी बातें करते हैं
मेरे पास तो मेरा साया लेटा है चुप-चाप

इंतिख़ाब सय्यद