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हुसैन मीर काश्मीरी शायरी | शाही शायरी

हुसैन मीर काश्मीरी शेर

1 शेर

केक बिस्कुट खाएँगे उल्लू-के-पट्ठे रात दिन
और शरीफ़ों के लिए आटा गिराँ हो जाएगा

हुसैन मीर काश्मीरी