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हीरानंद सोज़ शायरी | शाही शायरी

हीरानंद सोज़ शेर

2 शेर

अजीब हाल था अहद-ए-शबाब में दिल का
मुझे गुनाह भी कार-ए-सवाब लगता था

strange was the condition of my heart in youth
when even sinful deeds seemed piety forsooth

हीरानंद सोज़




अपने घरों के कर दिए आँगन लहू लहू
हर शख़्स मेरे शहर का क़ाबील हो गया

हीरानंद सोज़