EN اردو
हामिद ज़हूर शायरी | शाही शायरी

हामिद ज़हूर शेर

1 शेर

तुम्हारा नक़्श इन आँखों से धुलता भी तो कैसे
कि दरिया में वो पहली सी रवानी भी कहाँ थी

हामिद ज़हूर