तुम अपने ख़्वाब बचा कर रक्खो कि कल दुनिया
तुम्हारी आँख में झाँके तो ज़िंदगी देखे
हामिद इक़बाल सिद्दीक़ी
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तुम अपने ख़्वाब बचा कर रक्खो कि कल दुनिया
तुम्हारी आँख में झाँके तो ज़िंदगी देखे
हामिद इक़बाल सिद्दीक़ी