आईना-ख़ाने से दामन को बचा कर गुज़रो
आईना टूटा तो रेज़ों में बिखर जाओगे
गुलाम जीलानी असग़र
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आईना-ख़ाने से दामन को बचा कर गुज़रो
आईना टूटा तो रेज़ों में बिखर जाओगे
गुलाम जीलानी असग़र