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ग़ुलाम मोहम्मद वामिक़ शायरी | शाही शायरी

ग़ुलाम मोहम्मद वामिक़ शेर

2 शेर

पैदल हमें जो देख के कतराते थे कभी
अब लिफ़्ट माँगते हैं वही कार देख कर

ग़ुलाम मोहम्मद वामिक़




तेरे रुख़्सारों से दुनिया रौशन थी
कैसे हो गई ज़ुल्मत तारी हैरत है

ग़ुलाम मोहम्मद वामिक़