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फ़रीद जावेद शायरी | शाही शायरी

फ़रीद जावेद शेर

3 शेर

गुफ़्तुगू किसी से हो तेरा ध्यान रहता है
टूट टूट जाता है सिलसिला तकल्लुम का

फ़रीद जावेद




हमें भी अपनी तबाही पे रंज होता है
हमारे हाल-ए-परेशाँ पे मुस्कुराओ नहीं

फ़रीद जावेद




तरब का रंग मोहब्बत की लौ नहीं देता
तरब के रंग में कुछ दर्द भी समो लें आज

फ़रीद जावेद