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एजाज़ आज़मी शायरी | शाही शायरी

एजाज़ आज़मी शेर

2 शेर

दो तरफ़ था हुजूम सदियों का
एक लम्हा सा दरमियाँ मैं था

एजाज़ आज़मी




मैं वहाँ हूँ जहाँ नहीं कोई
कुछ नहीं था जहाँ वहाँ मैं था

एजाज़ आज़मी