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चमन लाल चमन शायरी | शाही शायरी

चमन लाल चमन शेर

3 शेर

जिन का मक़्सद फ़रेब होता है
वो बड़ी सादगी से मिलते हैं

चमन लाल चमन




महँगाई में हर इक शय के दाम हुए हैं दूने
मजबूरी में बिके जवानी दो कौड़ी के मोल

चमन लाल चमन




मौत आएगी उस से मिल लेंगे
अब चलो ज़िंदगी से मिलते हैं

चमन लाल चमन