वो ले गया है मिरी आँख अपनी बस्ती में
कि मेरे साथ रहे राब्ता बहाल उस का
बेदार सरमदी
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वो ले गया है मिरी आँख अपनी बस्ती में
कि मेरे साथ रहे राब्ता बहाल उस का
बेदार सरमदी