एक मंज़िल है मगर राह कई हैं 'अज़हर'
सोचना ये है कि जाओगे किधर से पहले
अज़हर लखनवी
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ये मोहब्बत का फ़साना भी बदल जाएगा
वक़्त के साथ ज़माना भी बदल जाएगा
अज़हर लखनवी
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