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अज़हर लखनवी शायरी | शाही शायरी

अज़हर लखनवी शेर

2 शेर

एक मंज़िल है मगर राह कई हैं 'अज़हर'
सोचना ये है कि जाओगे किधर से पहले

अज़हर लखनवी




ये मोहब्बत का फ़साना भी बदल जाएगा
वक़्त के साथ ज़माना भी बदल जाएगा

अज़हर लखनवी