इस तरह फूँक मेरा गुलिस्तान-ए-आरज़ू
फिर कोई तेरे बाद इसे वीराँ न कर सके
आज़म चिश्ती
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इस तरह फूँक मेरा गुलिस्तान-ए-आरज़ू
फिर कोई तेरे बाद इसे वीराँ न कर सके
आज़म चिश्ती