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अशरफ़ सलीम शायरी | शाही शायरी

अशरफ़ सलीम शेर

1 शेर

तिरे बदन के नए ज़ाविए बनाता हुआ
गुज़र रहा है कोई दाएरे बनाता हुआ

अशरफ़ सलीम