बात में बात उसी की है सुनो तुम जिस की
यूँ तो कहने को सभी मुँह में ज़बाँ रखते हैं
अश्क रामपुरी
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इक दिन वो मिल गए थे सर-ए-रहगुज़र कहीं
फिर दिल ने बैठने न दिया उम्र भर कहीं
अश्क रामपुरी
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