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अली अकबर मंसूर शायरी | शाही शायरी

अली अकबर मंसूर शेर

1 शेर

आँखें थीं वीरान नज़र कैसे आता
दिल तो था बीमार सफ़र कैसे कटता

अली अकबर मंसूर