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अफ़सर आज़री शायरी | शाही शायरी

अफ़सर आज़री शेर

1 शेर

ख़ुशनुमा दाएरे बनते ही चले जाते हैं
दिल के तालाब में फेंका है ये कंकर किस ने

अफ़सर आज़री