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अफ़रोज़ तालिब शायरी | शाही शायरी

अफ़रोज़ तालिब शेर

1 शेर

क़ुर्बतें भी दूरियों का बन गईं अक्सर सबब
इस लिए बेहतर है उन की बे-रुख़ी बाक़ी रहे

अफ़रोज़ तालिब