दम के दम में दुनिया बदली भीड़ छटी कोहराम उठा
चलते चलते साँस रुकी और ख़त्म हुआ अफ़्साना भी
आबिद नामी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ये आज कौन सी तक़्सीर हो गई 'नामी'
कि दोस्त भी तो मिलाते नहीं नज़र हम से
आबिद नामी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |