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अब्दुल अज़ीज़ फ़ितरत शायरी | शाही शायरी

अब्दुल अज़ीज़ फ़ितरत शेर

1 शेर

और भी कितने तरीक़े हैं बयान-ए-ग़म के
मुस्कुराती हुई आँखों को तो पुर-नम न करो

अब्दुल अज़ीज़ फ़ितरत