मुतमइन कोई नहीं है इस से
कोई बरहम है तो ख़ाइफ़ कोई
नहीं करती ये किसी से भी वफ़ा
ज़िंदगी है कि तवाइफ़ कोई
नज़्म
ज़िंदगी या तवाइफ़
क़तील शिफ़ाई
नज़्म
क़तील शिफ़ाई
मुतमइन कोई नहीं है इस से
कोई बरहम है तो ख़ाइफ़ कोई
नहीं करती ये किसी से भी वफ़ा
ज़िंदगी है कि तवाइफ़ कोई