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ये क्या तिलिस्म है | शाही शायरी
ye kya tilism hai

नज़्म

ये क्या तिलिस्म है

खलील तनवीर

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मैं अपने आप से अक्सर सवाल करता हूँ
ये क्या तिलिस्म है कैसा अजब तमाशा है

कि बार बार सराबों की सम्त जाता हूँ
वो कौन है जो मुझे रास्ता दिखाता है

मैं ज़ुल्मतों के बयाबाँ से लौट आता हूँ