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यमन का सितारा | शाही शायरी
yaMein ka sitara

नज़्म

यमन का सितारा

शब्बीर शाहिद

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तुम्हें लाई है मेरे रू-ब-रू
साअ'त चमकने की

तुम्हारे साथ आई है
फ़ज़ा मेरे महकने की

हवा में फैलती जाती है ख़ुशबू
फ़स्ल पकने की

मिरी तिमसाल में नक़्श-ए-नुमू कैसे उभरता है
उस आईने में

अक्स-ए-ख़ूब-रू कैसे उभरता है
नया मौसम मिरे पत्तों में क्या क्या रंग

भरता है
ये मंज़र देखते रहना

सितारे
तुम झुके हो मेरी शाख़ों पर

झुके रहना