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वोल्फ-मैन | शाही शायरी
wolf-main

नज़्म

वोल्फ-मैन

मोहम्मद अल्वी

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आधी रात हुई
और पूरा चाँद निकल आया

सोते में
होंट चीर के

उस के दाँत बढ़े
और नाख़ुन निकले

तेज़ नुकीले बड़े बड़े!
फिर सारे बदन पर

बाल ही बाल उग आए!
गाँव से बाहर

जंगल में
भेड़िये मिल के चिल्लाए!

वो अपने बिस्तर से उठ कर
खिड़की कूद गया!

पास के घर में
सोते में कोई बच्चा चौंक उठा!

दूर गली के नुक्कड़ पर
इक कुत्ता भौंक उठा!

फिर दूर
बहुत ही दूर कहीं

इक चीख़ सुनाई दी!
फिर उस के ख़ाली बिस्तर में

इक लाश दिखाई दी!
फिर बादल घिर आए

और सारा मंज़र डूब गया!!
सूरज ने आ कर देखा तो

ख़ाली बिस्तर चमक रहा था
गहरी नींद में

वो अपने बिस्तर से नीचे लुढ़क गया था!!