आसमान की तरफ़ देखती हुई लड़की को
शायद अंदाज़ा नहीं है
कि उस की जवानी
पस्तियों के सफ़र पर रवाना हो चुकी है
आसमान की तरफ़ देखती हुई लड़की को
ये मालूम होना चाहिए
कि जब ज़मीन पर
नीले गुम्बद मिस्मार होते हैं
तो मंज़िल की जानिब बढ़ते हुए क़दमों की रफ़्तार
बहुत मद्धम हो जाती है