लोगो मुझे सलाम करो मैं वज़ीर हूँ
गर्दन के साथ ख़ुद भी झुको मैं वज़ीर हूँ
गर्दन में हार डाल दो मैं झुक सकूँ अगर
नारे भी कुछ बुलंद करो मैं वज़ीर हूँ
तुम हाथों-हाथ लो मुझे दौरे पर आऊँ जब
मोटर के साथ साथ चलो मैं वज़ीर हूँ
लिक्खे हैं शाइ'रों ने क़साएद मिरे लिए
एक आध नज़्म तुम भी कहो मैं वज़ीर हूँ
जो मुझ से कहने आओ ख़बर-दार मत कहो
जो कुछ मैं कह रहा हूँ सुनो मैं वज़ीर हूँ
मा'ज़ूर हूँ मैं अपनी वज़ारत से बे-तरह
तुम तरह-दार मुझ को कहो मैं वज़ीर हूँ
बे-शक है बरहमी सी मिरी गुफ़्तुगू के बीच
लेकिन अदब से बात सुनो में वज़ीर हूँ
मैं वो नहीं कि यूसुफ़ बे-कारवाँ फिरूँ
मेरा जुलूस ले के चलो मैं वज़ीर हूँ
अख़बार वालो सोच समझ कर करो सवाल
जो शीशा मेरे मुँह न लगो मैं वज़ीर हूँ
मुझ से क़राबतों को बस अब भूल जाओ तुम
ऐ मेरे भाई बंद गधो मैं वज़ीर हूँ
मुझ को तो मिल गई है वज़ारत की ज़िंदगी
मरते हो तुम तो जाओ मरो मैं वज़ीर हूँ
नज़्म
वज़ीर का फ़रमान
शौकत थानवी