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वक़्त एक कहानी-कार | शाही शायरी
waqt ek kahani-kar

नज़्म

वक़्त एक कहानी-कार

मुनीर अहमद फ़िरदौस

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वक़्त सब से बड़ा कहानी-कार
जो अज़ल से हर चेहरे पर

आफ़ाक़ी कहानियाँ लिख कर
चेहरों को लम्हा-ब-लम्हा दास्ताँ करने में मसरूफ़

एक कहानी की तकमील के लिए
अन-गिनत किरदार आसमान से उतरते हैं

सियाह ओ सफ़ेद साअतों की बारिश में भीगते कोरे चेहरों पर
वक़्त सज़ा जज़ा की ऐसी ला-ज़वाल कहानियाँ तहरीर करता है

कि कितने ही चेहरे काएनात के इबरत-कदे में
आवेज़ां होते हैं

और कितने ही रौशनियों के इस्तिआरे बनते हैं
वक़्त के पास

आसमान से उतरती कहानियों के
अन-गिनत ढेर लगे पड़े हैं

जिन्हें लिख कर उसे
चेहरों की कितनी ही अधूरी किताबें मुकम्मल करनी हैं