जिगर-दरीदा हूँ चाक-ए-जिगर की बात सुनो
अलम-रसीदा हूँ दामान-ए-तर की बात सुनो
ज़बाँ-बुरीदा हूँ ज़ख़्म-ए-गुलू से हर्फ़ करो
शिकस्ता-पा हूँ मलाल-ए-सफ़र की बात सुनो
मुसाफ़िर-ए-रह-ए-सहरा-ए-ज़ुल्मत-ए-शब से
अब इल्तिफ़ात-ए-निगार-ए-सहर की बात सुनो
सहर की बात उमीद-ए-सहर की बात सुनो
नज़्म
उम्मीद-ए-सहर की बात सुनो
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़