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तुम नींद में बहुत ख़ूब-सूरत लगती हो | शाही शायरी
tum nind mein bahut KHub-surat lagti ho

नज़्म

तुम नींद में बहुत ख़ूब-सूरत लगती हो

अफ़ज़ाल अहमद सय्यद

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तुम नींद में बहुत ख़ूबसूरत लगती हो
तुम्हें सोते में चलना चाहिए

तुम्हें सोते में डोरियों पर चलना चाहिए
किसी छतरी के बग़ैर

क्यूँकि कहीं बारिश नहीं हो रही है