सोचो
फिर एक बार
ग़ौर से
जब तुम पैदा हुए थे
तुम्हारी माँ कितना फूट कर रोई थी
लेकिन
तुम नहीं माने

नज़्म
तुम नहीं माने
फ़रहत एहसास
नज़्म
फ़रहत एहसास
सोचो
फिर एक बार
ग़ौर से
जब तुम पैदा हुए थे
तुम्हारी माँ कितना फूट कर रोई थी
लेकिन
तुम नहीं माने