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तुझे अपने लिए | शाही शायरी
tujhe apne liye

नज़्म

तुझे अपने लिए

मुबीन मिर्ज़ा

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बड़ी दिल-बस्तगी के साथ
पहले ख़ुद तुझे ता'मीर करना है

कमाल-ए-आरज़ू को जो मयस्सर हैं
बड़ी चाहत से फिर तुझ में

वो सारे रंग भरने हैं
तुझे तस्वीर करना है

हुजूम-ए-इब्न-ए-आदम के लिए
तेरी गुज़रगाहों पे

कुछ ताज़ा गुल-ओ-लाला बिछाने हैं
तुझे इक ख़्वाब की ता'बीर करना है

चराग़-ए-जाँ की ताबानी से तुझ को
परतव-ए-तनवीर करना है

निमट कर इन सभी कामों से ऐ दुनिया
तिरे फ़नकार को ख़ू-ए-ज़माना ना-शनासी से

तुझे अपने लिए ख़ुद लाइक़-ए-ताज़ीर करना है