दिल की तपिश
सीने की ख़लिश
जोश-ए-जिगर
होश-ए-नज़र
हुस्न-ओ-इश्क़
माल-ओ-रिज़्क
लबों पे जब भी
उन का ज़िक्र आया
ऐ तिश्नगी नाम तेरा
फिर उन के साथ ज़रूर आया
नज़्म
तिश्नगी
ख़दीजा ख़ान
नज़्म
ख़दीजा ख़ान
दिल की तपिश
सीने की ख़लिश
जोश-ए-जिगर
होश-ए-नज़र
हुस्न-ओ-इश्क़
माल-ओ-रिज़्क
लबों पे जब भी
उन का ज़िक्र आया
ऐ तिश्नगी नाम तेरा
फिर उन के साथ ज़रूर आया