हफ़्ता पहले जब तेरा
फ़ोन आया और तू ने कहा
जान-ए-जानाँ आई मिस यू
तब से जाने क्यूँ दिल में
एक अजब सी हलचल है
दिल के दरिया में जैसे
किसी ने पत्थर फेंक दिया
मुझ को ऐसा लगता है
पत्थर तेरी याद का था
जिस के गिरते ही पानी
बेबस हो कर उछल गया
आँख कटोरा भर आया
नहीं यक़ीं तो देख आ कर
आज भी मेरी आँखों से
अक्सर पानी बहता है
तुम से कहता रहता है
जानाँ
आई मिस यू टू
नज़्म
तेरी याद
इमरान शनावर