EN اردو
टेढ़ा सवाल | शाही शायरी
TeDha sawal

नज़्म

टेढ़ा सवाल

मोहसिन भोपाली

;

बेटे इन को यूँ हैरत से मत देखो
ये अंकल हैं... इन से कोई बात करो

...परसों वाले ठगने थे
कल जो आए थे दुबले थे

और ये मोटे ताज़े हैं
अम्मी आख़िर... मेरे कितने अंकल हैं