EN اردو
तन्हाई | शाही शायरी
tanhai

नज़्म

तन्हाई

मोहम्मद अल्वी

;

कुछ दिनों से इक चिड़िया
चुप उदास गुम-सुम सी

शाम होते आती है
घर में एक फोटो पर

आ के बैठ जाती है
उस समय घड़ी मेरी

ठीक छे बजाती है
कुछ ही देर में चिड़िया

शाम के धुँदलके में
डूब डूब जाती है

और घर का दरवाज़ा
रात खटखटाती है