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तम्बीह | शाही शायरी
tambih

नज़्म

तम्बीह

शहरयार

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वो जो आसमाँ पे सितारा है
उसे अपनी आँखों से देख लो

उसे अपने होंटों से चूम लो
उसे अपने हाथों से तोड़ लो

कि उसी पे हमला है रात का