EN اردو
सोने से पहले | शाही शायरी
sone se pahle

नज़्म

सोने से पहले

निदा फ़ाज़ली

;

हर लड़की के
तकिए के नीचे

तेज़ ब्लेड
गोंद की शीशी

और कुछ तस्वीरें होती हैं
सोने से पहले

वो कई तस्वीरों की तराश-ख़राश से
एक तस्वीर बनाती है

किसी की आँखें किसी के चेहरे पर लगाती है
किसी के जिस्म पर किसी का चेहरा सजाती है

और जब इस खेल से ऊब जाती है
तो किसी भी गोश्त-पोस्त के आदमी के साथ

लिपट कर सो जाती है