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सोचो तो | शाही शायरी
socho to

नज़्म

सोचो तो

खलील तनवीर

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चाहत का पर्दा रखना
और नफ़रत ज़ाहिर कर देना

एक ही अंदाज़ किसी दिन
तुम को तन्हा कर जाएगा